जीतने के लिए नहीं,सिर्फ भाजपा के वोट काटने के लिए हमारे कुछ प्रत्याशी -  प्रियंका


रायबरेली. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी दो दिनों के अमेठी और रायबरेली दौरे पर हैं। यहां एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हमने कुछ प्रत्याशी सिर्फ इसलिए उतारे हैं ताकि वे भाजपा के वोट काट सकें। उन्हें सिर्फ चुनाव जीतने के मकसद से नहीं उतारा गया है। प्रियंका ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिलेगी और ज्यादातर सीटों पर उनकी करारी हार होगी। अमेठी से उनके भाई राहुल गांधी और रायबरेली से मां सोनिया गांधी पार्टी प्रत्याशी हैं।                                                                                                                राजनीति सिर्फ चुनाव जीतने के लिए नहीं
 मीडिया से बातचीत में प्रियंका ने कहा, “मेरी रणनीति बिल्कुल साफ है। जहां हमारे प्रत्याशी मजबूत हैं, वहां हम जीतेंगे। जिन सीटों पर थोड़े कमजोर हैं, वहां वो भाजपा के वोट काटेंगे। राजनीति सिर्फ जीतने के लिए नहीं की जाती।” उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा का जनाधार इस चुनाव के बाद काफी कम हो जाएगा। उप्र में भाजपा को इस बार बड़ा नुकसान होने वाला है। उन्हें करारी शिकस्त मिलेगी। कांग्रेस भाजपा को नुकसान पहुंचाएगी। हमारी वजह से सपा-बसपा और आरएलडी गठबंधन को कोई नुकसान नहीं होगा।                                                              विचारधारा की लड़ाई                                                                                                                                                                            एक सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा, “हम ये चुनाव जनकल्याण और अपनी विचारधारा के लिए लड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री कौन बनेगा, इसको लेकर तो सिर्फ नरेंद्र मोदी ही चिंतित हैं।” रायबरेली में पांचवे चरण में 6 मई को मतदान होगा। अमेठी में भाजपा के प्रत्याशी स्मृति ईरानी और रायबरेली में दिनेश प्रताप सिंह हैं।                                                                                                                                                           रायबरेली में गांधी परिवार का अंतिम चुनाव होगा
इसके पहले उप्र के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा था, ''मैं समझता हूं चुनाव आते-आते मोदी लहर तूफान बनकर आएगी। पहली बार यहां से गांधी परिवार के सदस्य पराजित होंगे। यह उनका अंतिम चुनाव होगा।''