कांग्रेस और बीजेपी एक ही थाली के चट्टे-बट्टे -मायावती


लखनऊ बसपा  सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को कांग्रेस पर एक बार फिर जोरदार हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं और कांग्रेस को वोट देना, अपना वोट बर्बाद करना है। मायावती ने कहा क‍ि कांग्रेस ने हर जगह ऐसे उम्‍मीदवार खड़े किए हैं जिससे कि महागठबंधन के प्रत्‍याशी को नुकसान पहुंचे। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस बीजेपी की तरह ही नकली आंबेडकरवादी है। मायावती ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'कांग्रेस और बीजेपी दोनों महागठबंधन से डरे हुए हैं। हम बीजपी कांग्रेस को एक ही थाली के चट्टे-बट्टे मानते हैं। लोग कांग्रेस के झांसे में न आएं और गठबंधन को वोट दें।' बीएसपी नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हर जगह ऐसे उम्‍मीदवार खड़े किए हैं जिससे गठबंधन को नुकसान पहुंचे। इससे कांग्रेस पार्टी बीजेपी को फायदा पहुंचा रही है।                                                                                                                                'मोदी को आशीर्वाद नहीं देना चाहते थे मुलायम' 
उन्‍होंने कहा, 'चुनाव में कांग्रेस को वोट देना अपना वोट बर्बाद करना है। बीजेपी की तरह कांग्रेस अनाप-शनाप बोल रही है। बीजेपी की तरह ही कांग्रेस नकली आंबेडकरवादी है।' मायावती ने कहा कि संसद में मुलायम सिंह की इच्‍छा मोदी को आशीर्वाद देने की नहीं थी। उनकी बढ़ती उम्र की वजह से ऐसा गलती से हो गया। कांग्रेस अफवाह न फैलाए।' माया ने सवाल किया कि संसद में राहुल गांधी पीएम मोदी के गले क्‍यों पड़े?  मायावती ने कहा कि पूरे चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस का सफाया होने वाला है। इसलिए वे जनता को गुमराह करने के लिए तथ्‍यहीन बातें कर रही हैं। आतंकी मसूद अजहर को लेकर मायावती ने बीजेपी पर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि पांच साल तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्‍तान के खिलाफ खामोश रहे और अब पाकिस्‍तान के बारे में बोल रहे हैं। इसके जरिए वह अपनी कमियां छिपाना चाहते हैं। बीजेपी ने मसूद को मेहमान बनाकर भेजा और अब चुनाव में उसी के नाम पर वोट बटोरने की कोशिश की जा रही है। यह निंदनीय है।' 
पीएम मोदी को भी निशाने पर लिया
उन्‍होंने कहा, 'कल यहां यूपी में पीएम मोदी ने अपने चुनावी जनसभा में खासकर बीआर आंबेडकर जी को लेकर बीएसपी के ऊपर जो टीका-टिप्‍पणी की है। आंबेडकर जी बीजेपी, कांग्रेस या अन्‍य विरोधी पार्टी के लिए वोट की राजनीति हो सकते हैं, किंतु बीएसपी के लिए वह आत्‍मा के समान हैं।'